लोन और इनकम का रेश्यो (डीटीआई) कर्ज लेने वाले की कुल मासिक इनकम के संबंध में लोन वापसी की क्षमता को दिखाता है। मतलब, किसी व्यक्ति की मासिक इनकम का कितना हिस्सा उनके कर्ज चुकाने में खर्च होता है। इस रेश्यो से लोन देने वाले संस्थान को किसी व्यक्ति के लोन चुकाने क्षमता तय करने में मदद मिलती है। कम रेश्यो का मतलब है कि लोन समय पर चुकाए जा रहे हैं। इस रेश्यो को लोन देने वाली ज्यादातर कंपनियां पॉजिटिव मानती हैं, क्योंकि इससे पता चलता है कि उधार लेने वाले के पास बहुत ज्यादा कर्ज नहीं हैं। साथ ही, रेश्यो ज्यादा होने का मतलब है कि लोन लेने वाले व्यक्ति का आर्थिक मैनेजमेंट ठीक नहीं है। इससे लोन पाना कठिन और महंगा हो जाता है।
लोन और इनकम के रेश्यो का कैलकुलेटर
यह मुश्किल लग सकता है, लेकिन डीटीआई की गणना, यानी कैलकुलेशन सरल है। अपने सभी मासिक लोन भुगतानों को जोड़ें और उन्हें अपनी मासिक सकल इनकम से विभाजित करें। सकल इनकम वह इनकम है जो आप टैक्स और अन्य कटौतियों का भुगतान करने से पहले अर्जित करते हैं। अपने मासिक ऋणों की गणना करने के लिए, इन चीजों को जोड़ें: मासिक किराया, ईएमआई, घर/ऑटो/ मेडिकल लोन, मॉर्गेज लोन, क्रेडिट कार्ड बिल और अन्य लोन।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपकी कुल मासिक इनकम रु. 1,50,000 है। महीने में आपका कुल लोन दायित्व 50,000 है। तब आपके लोन और इनकम का रेश्यो (50000/150000) *100 = 33.33% होगा। इससे पता चलता है कि आपकी इनकम का 33.33% लोन चुकाने में चला जाता है।
लोन और इनकम का अच्छा रेश्यो क्या है?
लोन और इनकम का रेश्यो जितना कम हो, उतना ही बेहतर होगा। इससे पता चलता है कि आपके पास चुकाने के लिए कम कर्ज हैं। इसलिए, यह नए लोन अप्रूवल को आसान और तेज़ बनाता है। हालांकि, लोन और इनकम का अच्छा रेश्यो लोन देने वाली अलग-अलग कंपनियों के लिए अलग-अलग होता है। आम तौर पर, 40% तक का डीटीआई रेश्यो लोन अप्रूवल के लिए उपयुक्त माना जाता है। 40% से ऊपर के डीटीआई रेश्यो में लोन मिल सकता है, लेकिन ब्याज ज्यादा होगा। लेकिन ध्यान रखें कि पर्सनल लोन लेने के लिए यह कई मापदंडों में से सिर्फ़ एक है।
लोन और इनकम का रेश्यो बहुत ज्यादा होने पर क्या होता है
उच्च डीटीआई रेश्यो आपके फाइनेंशियल जीवन को एक या ज्यादा तरीकों से प्रभावित कर सकता है। आइए देखें कि यह आपको कैसे प्रभावित कर सकता है।
· जब डीटीआई रेश्यो ज्यादा होता है, तो यह दर्शाता है कि आप अपनी इनकम का एक बड़ा हिस्सा कर्ज चुकाने में खर्च कर रहे हैं। इसका मतलब है कि आपका निवेश और बचत दोनों ही कम हैं।
· उच्च डीटीआई रेश्यो से लोन पाने की संभावना कम हो जाती है। आपात स्थिति में यह समस्या हो सकती है।
· उच्च डीटीआई रेश्यो होने पर भी पर्सनल लोन मिल सकता है, लेकिन लोन देने वाली कंपनियां आम तौर पर ऐसी स्थिति में ज्यादा ब्याज दर वसूलती हैं।
लोन और इनकम का रेश्यो कैसे कम करें
लोन और इनकम के रेश्यो को कम करने के लिए अच्छी फाइनेंशियल योजना का होना महत्वपूर्ण है। आपको अपने कर्ज और खर्चों के प्रति भी जागरूक रहने की जरूरत है। कम डीटीआई रेश्यो से यह सुनिश्चित होता है कि आपको जरूरत पड़ने पर भविष्य में ज्यादा लोन मिल सकता है।
इनमें से कुछ कदम आपके लोन और इनकम के रेश्यो को कम करने और आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
· अगर कोई आपात स्थिति न हो, तो खरीदारी स्थगित कर दें। इससे क्रेडिट कार्ड बिल में कमी आएगी। जब क्रेडिट पर कम खरीदारी होती है, तो यह व्यक्ति के लोन और इनकम के रेश्यो को कम कर देगा।
· जब तक आपका रेश्यो 40% से कम नहीं हो जाता तब तक अधिक लोन लेना बंद करें। हो सके तो अपने सभी कर्ज चुका दें। लोन चुकाने से आपकी क्रेडिट उपयोगिता दर में सुधार करने में मदद मिलती है। यह आपके क्रेडिट स्कोर को और बेहतर बनाता है।
· पिछले लोन को बंद करने से भी मदद मिल सकती है। कुछ लोग अपने सभी उच्च-ब्याज वाले लोन को एक में जोड़ देते हैं और पर्सनल लोन लेकर उन्हें समेकित, यानी कंसॉलिडेट करते हैं।
· कर्ज को जल्दी खत्म करने के लिए ईएमआई भुगतान बढ़ाएं। यह लंबे समय में मदद करता है।
· हो सके तो इनकम के अतिरिक्त स्रोत खोजें। साइड इनकम तलाशना, ऑनलाइन क्लासेज लेना, या सप्ताहांत पर काम करना इनकम बढ़ाने में मदद कर सकता है।
· हर महीने लोन-से-इनकम रेश्यो की गणना करें। यह समझने में मदद करता है कि लोन का मैनेजमेंट कैसे किया जा रहा है। यह पता चल सकता है कि किन तरीकों से डीटीआई रेश्यो को कम रखा जा सकता है। यह कई लोन को एक संगठित तरीके से मैनेज करने के लिए भी प्रेरित करता है ।
लोन और इनकम का रेश्यो क्यों महत्वपूर्ण है?
डीटीआई रेश्यो लोनदाता को आपकी लोन वापसी क्षमता को मापने में मदद करता है। यह बताता है कि आपकी मासिक इनकम का कितना हिस्सा कर्ज चुकाने में खर्च हो रहा है। यह आपके क्रेडिट स्कोर को भी प्रभावित करता है, जिसे एक लोनदाता लोन स्वीकृत करते समय मानता है। लोन और इनकम का कम रेश्यो आपके लोन प्राप्त करने की संभावना को बढ़ाता है।
अच्छा डीटीआई रेश्यो दर्शाता है कि उधार लेने वाले की फाइनेंशियल हेल्थ अच्छी है। इसका मतलब है कि आपको नया लोन आसानी से मिल सकता है और आप बिना किसी चूक के इसे चुकाने में सक्षम होंगे।
क्या लोन और इनकम का रेश्यो, क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है?
लोन और इनकम के रेश्यो का आपके क्रेडिट स्कोर पर इनडायरेक्ट प्रभाव पड़ता है। एक लोनदाता नहीं जानता कि आपकी सकल इनकम क्या है। इसलिए वे सटीक गणना नहीं कर पाते हैं। लेकिन वे यह देखते हैं कि आपके पास कितना क्रेडिट है। वे आपके क्रेडिट कार्ड खाते की शेष राशि की तुलना आपके कार्ड की सभी क्रेडिट सीमाओं के योग से करते हैं। एक लोनदाता को उनकी इनकम के इतिहास की तुलना में उधार लेने वाले की लोन हिस्ट्री में ज्यादा रुचि होगी। फिर भी, लोन को सुरक्षित करने के लिए, एक स्वस्थ डीटीआई रेश्यो बनाए रखना उतना ही सहायक होता है जितना कि एक स्वस्थ क्रेडिट स्कोर।
निष्कर्ष
निष्कर्ष निकालने के लिए, लोन और इनकम का रेश्यो लोनदाता और उधार लेने वाले दोनों को लाभ मिल सकता है। जैसा कि यह किसी व्यक्ति की इनकम और लोन के बीच के संबंध को दर्शाता है, यह उधार लेने वाले की लोन वापसी क्षमताओं को निर्धारित, यानी फिक्स करने में लोनदाता की सहायता कर सकता है। डीटीआई की गणना करके, कोई भी अपने खर्चों को देख सकता है और उन पर काम कर सकता है। आप हर महीने अपने कर्ज को रिव्यु कर सकते हैं और उन्हें कम करने के तरीके खोज सकते हैं। यह या तो अपने खर्चों का प्रबंधन करके या अपनी इनकम बढ़ाकर किया जा सकता है। अधिक फाइनेंस संबंधी टिप्स के लिए, आप पिरामल फायनांस पर जा सकते हैं और अधिक ब्लॉग पढ़ सकते हैं।