क्रेडिट स्कोर क्या होता है?
पर्सनल लोन के लिए क्रेडिट स्कोर दिखाता है कि आपको लोन दिया जाना चाहिए या नही। रेटिंग की गणना, यानी कैलकुलेशन करने के लिए क्रेडिट स्कोर सात तथ्यों, यानी फैक्ट्स पर ध्यान देता है: भुगतान का इतिहास, मौजूदा कर्ज, संपत्ति, लायबिलिटी, आय का स्तर यानी इनकम लेवल, रोजगार की स्थिति, शिक्षा का स्तर। स्कोर जितना ज्यादा होगा, उतना अच्छा होगा।
जब आप बैंक या फाइनेंस कंपनी के माध्यम से लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो इस डाटाबेस के आधार पर आपके क्रेडिट के इतिहास की जांच की जाती है। इस जांच से यह देखा जाता है कि आपको मिनिमम जोखिम के साथ उच्च-स्तरीय लोन दिया जा सकता है या नहीं। अगर आपके पास अच्छा क्रेडिट स्कोर नहीं है या आपके मौजूदा कर्ज आपकी संपत्ति से ज्यादा हैं, तो आपको कम लोन का ऑफर दिया जा सकता है या फिर लोन देने से मना भी किया जा सकता है। अपने क्रेडिट स्कोर को जानने से आपको सबसे अच्छी दरों के साथ सही पर्सनल लोन पाने में मदद मिल सकती है।
क्या कम क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन लेना संभव है?
हां, कम क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन लेना संभव है। जब आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो लोन देने वाली कंपनी आपकी फाइनेंसियल स्थिति, यानी फाइनेंसियल कंडीशन और क्रेडिट रेटिंग पर ध्यान देती है। अगर आपके ऊपर बहुत कर्ज है या आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब है तो पर्सनल लोन की मंजूरी मिलना कठिन हो सकता है। हालांकि, अभी भी लोन देने वाली कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो खास योग्यता पूरी करने वाले लोगों को लो-क्रेडिट लोन ऑफर करते हैं।
यहां कुछ ऐसे तरीके बताए गए हैं जिनके साथ कम क्रेडिट स्कोर होने के बावजूद पर्सनल लोन पाया जा सकता है:
स्थाई आय यानी स्टेबल इनकम का प्रमाण दें
स्थाई आय का प्रमाण एक बहुत जरूरी फैक्टर है जिस पर लोनदाता पर्सनल लोन पर विचार करते हुए ध्यान देते हैं। इसे दिखाने का सबसे अच्छा तरीका सक्रिय और आवर्ती आय का प्रमाण देना है। यह बैंक स्टेटमेंट, पे स्लिप या ऐसे अन्य दस्तावेज हो सकते हैं जिससे यह पता चलता हो कि आप खुद अपनी फाइनेंसियल मदद कर सकते हैं।
अगर आपका मौजूदा क्रेडिट स्कोर इतना ज्यादा नहीं है कि रेगुलर लोन मिल सकें, तो आप लो-क्रेडिट लोन के योग्य हो सकते हैं। लो-क्रेडिट लोन को खासतौर पर उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है जिनका क्रेडिट स्कोर खराब है या है ही नहीं। इनमें रेगुलर लोन के मुकाबले ब्याज दर और पुनर्भुगतान की अवधि कम होती है जिसके चलते यह ज्यादा किफायती ऑप्शन बन जाता है।
सह-आवेदक यानी को-एप्लिकेंट के तौर पर जॉइंट लोन के लिए अप्लाई
अगर लो क्रेडिट स्कोर के साथ आप पर्सनल लोन लेना चाहते हैं, तो सह-आवेदक के तौर पर ऐसा करना प्रभावी हो सकता है। जॉइंट लोन लेना, आवेदक के लिए खासतौर पर फायदेमंद होता है क्योंकि इनमें कम दस्तावेजों की जरूरत होती है और आमतौर पर मंजूरी से पहले की प्रक्रिया भी तेज हो जाती है। इसके साथ ही अक्सर जॉइंट लोन में पर्सनल लोन की तुलना में कम ब्याज दर मिलती है। जॉइंट लोन के लिए अप्लाई करते हुए कुछ फैक्टर पर ध्यान देने की जरूरत होती है, इसलिए अपनी स्थिति के बारे में सलाहकार से जरूर बात करें।
जॉइंट लोन मंजूर कराना आमतौर पर आसान होता है क्योंकि लोन की शर्तों पर दोनों पार्टी के बीच बातचीत की गई होती है। इसका मतलब है कि पर्सनल लोन के लिए आपका क्रेडिट स्कोर मंजूरी की प्रक्रिया में बड़ी भूमिका नहीं निभाएगा।
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की गलतियों का समाधान करें
पर्सनल लोन का अप्लाई करते हुए क्रेडिट रिपोर्ट एक सबसे जरूरी फैक्टर है। इसलिए, अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई भी त्रुटि या गलती है जिनको सुधारा जाना है, तो आपको ऐसा जल्द से जल्द कर लेना चाहिए।
क्रेडिट रिपोर्ट में सुधार करने के कुछ खास तरीके हैं और इनमें सबकी अलग कीमत और समयावधि, यानी टाइम पीरियड है। हालांकि, कुछ सामान्य तरीकों में शामिल हैं:
· टाइपो ठीक करना: इसमें कुछ मिनट ही लगते हैं और इसको ऑनलाइन या फोन के माध्यम से ही किया जा सकता है।
· अशुद्धियों को ठीक करना: इस प्रक्रिया में ज्यादा समय (कुछ हफ्ते) लग सकता है और इसमें उस एजेंसी में भी जाना पड़ सकता है जहां मूल फाइल दाखिल की गई थी।
· रिपोर्टिंग में छूट के लिए अप्लाई: इस ऑप्शन में ज्यादा पेपरवर्क (आमतौर पर 10 पन्ने) की जरूरत होती है लेकिन यह आपको अपनी रिपोर्ट में कुछ जानकारी ना देने की अनुमति दे सकता है (जैसे दिवालियापन)
क्रेडिट रिपोर्ट में एनए या एनएच
आमतौर पर एनए या एनएच क्रेडिट रिपोर्ट में न दिखने वाला फीचर होता है लेकिन यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का जरूरी हिस्सा हो सकता है। एनए का मतलब "नो अकाउंट," और एनएच का मतलब "नो हिस्टोरिकल हिट" होता है। यह शर्तें दिखाती हैं कि पैसे लोन लेकर या सेवाओं का इस्तेमाल करके आपने कभी भी लोनदाता के साथ लेन-देन किया है या नहीं।
कम क्रेडिट स्कोर के साथ पर्सनल लोन लेने के कुछ निश्चित नियम हैं जिनका आपको पालन करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपका क्रेडिट स्कोर एक अकेला फैक्टर नहीं है जिस पर पर्सनल लोन मंजूर करते हुए लोनदाता ध्यान देते हैं। आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और फिलहाल के कर्ज भी जरूरी फैक्टर हैं।
कम राशि के लिए पूछें
अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है तो अच्छा यह ही होगा कि पर्सनल लोन में छोटी राशि के लिए अनुरोध किया जाए। ऐसा इसलिए है क्योंकि आपको लोन दिया जाए या नहीं का निर्णय लेते हुए लोनदाता क्रेडिट स्कोर का इस्तेमाल एक फैक्टर के तौर पर करते हैं। जब आप छोटी राशि के लोन का अनुरोध करते हैं तो वह इसे देने में ऐतराज नहीं करते हैं क्योंकि इसमें बड़े लोन के अनुरोध की तुलना में जोखिम कम होता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद, शायद आपको अहसास हुआ हो कि बिल्कुल सही कदम उठाते हुए कम क्रेडिट स्कोर के साथ भी पर्सनल लोन लेना संभव है। बिना किसी चिंता के लोन लेने के लिए ऊपर बताए गए टिप्स को ध्यान रखें।
याद रखिए, हालांकि, यह लोन सबके लिए मौजूद नहीं है लेकिन यह आपकी फाइनेंसियल स्थिति पर निर्भर करता है। किसी भी बैंक या लोनदाता के पास अप्लाई करने से पहले अपनी योग्यता जांच लें.
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