निश्चित तौर पर पर्सनल लोन उन लोगों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है जो बिना किसी लिमिट के किसी भी खर्च को कवर करना चाहते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि रीपेमेंट की अवधि पर्सनल लोन की कुल राशि और उस राशि से कैलकुलेट की जाने वाली ईएमआई दोनों को प्रभावित करती है। इस वजह से, यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि पर्सनल लोन का पेमेंट कैसे किया जा सकता है।
पर्सनल लोन क्या हैं?
पर्सनल लोन एक प्रकार का अनसिक्योर्ड लोन है जो बैंक और एनबीएफसी कर्जदार की जॉब, एम्प्लॉयमेंट हिस्ट्री, इनकम लेवल और क्रेडिट स्कोर के आधार पर देते हैं। कुछ जगहों पर पर्सनल लोन को कंज्यूमर लोन के नाम से भी जाना जाता है।
आप अचानक आने वाले किसी भी खर्च के पेमेंट के लिए पर्सनल लोन के पैसे का इस्तेमाल कर सकते हैं। लोग को पर्सनल लोन तब लेते है जब उनके पास किसी इमरजेंसी में पेमेंट करने के लिए पर्याप्त धन नहीं होता है या जब वह् अपनी जिम्मेदारियों का पेमेंट करने के लिए तुरंत अपनी सारी बचत का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं।
पर्सनल लोन की विशेषताएं
- डिजिटल प्रोसेस
चूंकि पूरी प्रोसेस ऑनलाइन होती है, इसलिए इसमें शामिल लोगों के बीच कागजी कार्रवाई या सीधे संपर्क की कोई ज़रूरत नहीं है। डिजिटलाइजेशन ने पर्सनल लोन आवेदन, यानी एप्लीकेशन, प्रोसेस को तेज और आसान बना दिया है।
- लचीली यानी फ्लेक्सिबल अवधि
यह आप तय कर सकते हैं कि आपको लोन चुकाने में कितना समय लगेगा। लोन टेन्योर 6 से 60 महीनों के बीच कुछ भी हो सकता है।.
- कई कारणों के लिए लोन लेने की सुविधा
एक पर्सनल लोन का इस्तेमाल कई प्रकार की चीजों के पेमेंट के लिए किया जा सकता है, जैसे कि शादी, छुट्टी, आपके घर के लिए नया फर्नीचर, अनएक्सपेक्टेड मेडिकल बिल, और बहुत कुछ।
- कोई कोलैटरल नहीं
पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होते हैं, जिसका मतलब है कि आपको इसका अप्रूवल लेने के लिए कोई प्रॉपर्टी या एसेट नहीं रखनी होगी।
- न्यूनतम यानी मिनिमम डॉक्यूमेंटेशन
ज्यादातर समय, आपको पर्सनल लोन लेने के लिए केवल कुछ डाक्यूमेंट्स की ज़रूरत होती है। आपको आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और बैंक स्टेटमेंट जैसी चीजों की जरूरत होगी।
- तुरंत मंजूरी और डिस्बर्सल
अगर आप पर्सनल लोन लेने के लिए अप्रूवड हैं, तो पैसा अगले 24 से 48 घंटों के भीतर आपके बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा।
टिपिकल पर्सनल लोन राशि क्या है?
आम तौर पर, आप 10,000 रुपये से 40 लाख रुपये के बीच किसी भी राशि के लिए बैंक या एनबीएफसी से पर्सनल लोन उठा सकते हैं। लेकिन यह राशि ज्यादातर आपकी फाइनेंशियल हिस्ट्री और राशि चुकाने की आपकी क्षमता पर निर्भर करती है।
अगर आप लंबा लोन टेन्योर, यानी अवधि, चुनते हैं, तो आपके पास इसे चुकाने के लिए ज़्यादा समय होगा। इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई और अन्य मंथली फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से बैलेंस किया जा सकता है। इसलिए, अगर आप एक बड़ी लोन राशि चाहते हैं, जो हाई इंट्रेस्ट रेट के साथ मिलेगी, तो इसमें लंबा लोन टेन्योर आपको कम ईएमआई मिलने में मदद कर सकता है।
रीपेमेंट की अवधि क्या है?
'लोन रीपेमेंट की अवधि' का मतलब उस समय से है जो आप ईएमआई के जरिए अपने लोन का पूरा पेमेंट करने के लिए लगाते है।
पर्सनल लोन की अधिकतम यानी मैक्सिमम अवधि
पर्सनल लोन चुकाने के लिए आप कितना समय ले सकते हैं, इस पर हर लेंडर्स अपनी अलग लिमिट तय करता है। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कर्जदार रीपेमेंट की वह अवधि चुन सकें जो उनके फाइनेंस के लिए सबसे अच्छा हो। भले ही पर्सनल लोन के लिए औसत अधिकतम टेन्योर 42 महीने है, आपको उस ईएमआई के साथ लोन चुकाने का मौका दिया जाता है जो आप संभाल सकें।
अगर आपकी मंथली इनकम कम है, तो लंबा पर्सनल लोन टेन्योर चुनें। इस तरह, आप लोन का पेमेंट करते समय स्ट्रगल नहीं करेंगे।
पर्सनल लोन के लिए न्यूनतम यानी मिनिमम अवधि
लोन की न्यूनतम अवधि भी एक से दूसरे लेंडर में अलग होती है। कुछ अनुभवी और जाने-माने लेंडर तीन महीने की सबसे छोटी अवधि तय करते हैं, जबकि अन्य लेंडर दस से बारह महीने की न्यूनतम अवधि की सुविधा देते हैं।
कम अवधि वाले अधिकतर पर्सनल लोन की ब्याज दर ज़्यादा होती हैं, जिसका मतलब है कि ईएमआई आमतौर पर ज़्यादा होती हैं। इसलिए, बड़े वेतन वाले लोग तीन महीने की छोटा अवधि सकते हैं।
पर्सनल लोन की अवधि को प्रभावित करने वाले फैक्टर क्या हैं?
- इंटरस्ट रेट (ब्याज दर)
पर्सनल लोन की इंटरस्ट रेट सीधे आपके पर्सनल लोन की टेन्योर को प्रभावित करती हैं। अगर आपके लोन की इंटरेस्ट रेट औसत से ज़्यादा है, तो आपको एक लंबी लोन अवधि चुननी चाहिए, ताकि आपको इसे चुकाने में पूरा समय मिल सकें।
- मासिक आमदनी
चूंकि आपको अपनी ईएमआई का पेमेंट अपनी मंथली इनकम से करना होगा, यह आपके हित में है कि आप अपना टेन्योर सावधानी से चुनें। अगर आपकी इनकम कम है, तो ऐसा लोन टेन्योर चुनें जो ज़्यादा समय तक चले। अग़र आपकी मंथली इनकम ज़्यादा है, तो ऐसा लोन टेन्योर चुनें जो जल्दी ख़त्म हो। इससे आपको अपनी क्षमता के अनुसार लोन चुकाने में आसानी होगी।
- बैंक ऑप्शन
जब डेब्ट-बर्डन रेश्यो (डीबीआर) की बात आती है, तो हर एक फाइनेंसर के अपने नियम होते हैं। कई बार ऐसा होता है जब कोई बैंक कम पर्सनल लोन टेन्योर को मंजूरी नहीं देगा क्योंकि इससे आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी। यह, बाद में, डीबीआर को ऊपर जाने का कारण बनेगा। अगर डीबीआर बैंक के स्टेंडर्ड्स पर खरा नहीं उतरता है तो आपको उस बैंक से कर्ज नहीं मिलेगा।
- मौजूदा लायबिलिटीज यानी देनदारियां
आपकी वर्तमान फाइनेंशियल जिम्मेदारियां आपकी मंथली इनकम को प्रभावित करती हैं, जिसकी आपको पर्सनल लोन पेमेंट करने के लिए ज़रूरत होगी। अगर आप पर पहले से ही बहुत ज़्यादा कर्ज है जिसे आपको चुकाने की ज़रूरत है, तो आपको जितनी हो सके उतनी लंबा लोन टेन्योर चुनना चाहिए।
निष्कर्ष
जब आपके पास समय कम हो और आपको तुरंत कैश की ज़रूरत हो तो पर्सनल लोन सबसे अच्छा ऑप्शन है। रीपेमेंट की अवधि चुनने से पहले, आपको इसके सभी पक्ष और विपक्षों पर सावधानी से विचार करना चाहिए। जब आप गलत रीपेमेंट टेन्योर चुनते हैं, तो यह आपके फाइनेंस पर भारी पड़ सकता है और आपके लिए बोझ साबित हो सकता है।
अग़र आप नहीं जानते कि कहां से शुरू करें या पर्सनल लोन के बारे में कोई प्रश्न हैं, तो आपको पीरामल फायनांस से सलाह लेनी चाहिए और अपनी ज़रूरतों के हिसाब से लोन ऑप्शन ढूंढना चाहिए।